लेख-निबंध >> गाँधीवाद की शव परीक्षा गाँधीवाद की शव परीक्षायशपाल
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
‘गांधीवाद की शव परीक्षा’ गाँधी जी ने इस देश के सार्वजानिक जीवन में राजनैतिक नेता के रूप में प्रवेश किया था ! गाँधी जी ने देश की राजनैतिक मुक्ति के लिए जनता के सामने जो राजनैतिक कार्यक्रम रखा था, उसे गांधीदर्शन और गाधीवाद का नाम दिया गया था ! गाँधीवादी नीति पर चलने का दावा करनेवाली शासन व्यवस्था देश के सर्व-साधारण के जीवन से कठिनाई को दूर करने के लिए क्या कर सकी है, यह देश की जनता अपने अनुभव से जानती है !
सर्वोदय को ध्येय माननेवाले दरिद्रनारायण के पुजारी गांधीवाद की इस विफलता का कारण समझने के लिए उसके सिद्दांतो की परख आवश्यक है ! जनता के लिए यह समझना आवश्यक है कि उनकी भौतिक समस्याओं और कठिनाइयों का उपाय, गांधीवाद अध्यात्म द्वारा संभव है या आर्थिक और राजनैतिक प्रयत्नों द्वारा ? इस विचार के प्रयोजनों से ‘गांधीवाद की शव परीक्षा’ का यह संस्करण प्रस्तुत है !
सर्वोदय को ध्येय माननेवाले दरिद्रनारायण के पुजारी गांधीवाद की इस विफलता का कारण समझने के लिए उसके सिद्दांतो की परख आवश्यक है ! जनता के लिए यह समझना आवश्यक है कि उनकी भौतिक समस्याओं और कठिनाइयों का उपाय, गांधीवाद अध्यात्म द्वारा संभव है या आर्थिक और राजनैतिक प्रयत्नों द्वारा ? इस विचार के प्रयोजनों से ‘गांधीवाद की शव परीक्षा’ का यह संस्करण प्रस्तुत है !
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